सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक मुस्लिम डॉक्टर की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें तलाक-ए-किनाया और तलाक-ए-बैन सहित सभी तरह के एकतरफा और न्यायिकेतर तलाक को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है. कर्नाटक के कलबुर्गी की याचिकाकर्ता डॉ. सैयदा अंबरीन का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय कर...
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक मुस्लिम डॉक्टर की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें तलाक-ए-किनाया और तलाक-ए-बैन सहित सभी तरह के एकतरफा और न्यायिकेतर तलाक को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है. कर्नाटक के कलबुर्गी की याचिकाकर्ता डॉ. सैयदा अंबरीन का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय कर रहे हैं. न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग सहित केंद्र को नोटिस जारी किया. दलील में तर्क दिया गया कि ये प्रथाएं मनमानी, तर्कहीन और समानता के मौलिक अधिकारों के विपरीत हैं.