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छत्तीसगढ़ के गांव में मिली महात्मा बुद्ध की ऐतिहासिक मूर्ति, एक्सपर्ट ने बताई ये खास बात

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छत्तीसगढ़ के रायपुर-बिलासपुर हाईवे के निकट सोंदरा से महात्मा बुद्ध की प्राचीन मूर्ति मिली है। घर निर्माण के लिए खुदाई की जा रही थी। ASI की टीम मौके पर मौजूद है। मूर्ति 6वीं-9वीं सदी की बताई जा रही है।...

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शुक्रवार को रायपुर-बिलासपुर मार्ग स्थित ग्राम सोंदरा से मकान निर्माण के दौरान पांडुवंशी काल की भगवान बुद्ध की प्राचीन मूर्ति व अन्य पुरातात्विक महत्व की मूर्तियां बरामद हुई हैं। ये मूर्तियां ग्राम सोंद्रा में दिलेंद्र बंछोर के मकान के निर्माण के दौरान बरामद हुई थीं। प्राचीन मूर्तियों की बरामदगी की जानकारी मिलने पर पुरातत्व विभाग के निदेशक पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग विवेक आचार्य के निर्देश पर क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए पुरातत्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची। 

पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार, “गांव रायपुर-बिलासपुर रोड से लगभग 16 किलोमीटर और रायपुर में सांकरा क्षेत्र से 2 किमी दूर स्थित है। घर के निर्माण के लिए स्तंभों के विकास के लिए खुदाई का काम करते समय, भगवान बुद्ध की मूर्ति बरामद किया गया था।” अधिकारियों ने कहा कि बुद्ध की एक बरामद पत्थर की मूर्ति के माथे पर ‘तिलक’ के निशान की उपस्थिति इसे और अधिक अद्वितीय बनाती है और संकेत देती है कि यह ध्यानस्थ बुद्ध होने की अधिक संभावना है।

खुदाई में मिली मूर्ति के बारे में अधिकारी ने बताया कि मूर्ति अधूरी है और थ्री-टियर स्ट्रक्चर में बनाई गई है। अधिकारी ने बताया कि बिहार के बोधगया और छत्तीसगढ़ के सिरपुर और राजिम में ऐसी मूर्तियां मिल चुकी हैं। 

अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान अन्य मूर्तियों के मिलने की संभावना है। खुदाई में मिली मूर्ति पांडुवंशी कालीन प्रतीत होती है। जिसकी अवधि 6वीं से 9वीं सदी बताई जा रही है। मूर्ति के बारे में और जानकारी के लिए उसे म्यूजियम में ले जाया गया है।