चुनाव या लोगों का दिल जीतने में असमर्थ, पीएम नरेंद्र मोदी देश को शर्मिंदा करते हैं, विपक्षी नेताओं को परेशान करते हैं और अनावश्यक अराजकता पैदा करते हैं. ...
नई दिल्ली:
कोयला तस्करी मामले में अपनी जांच के सिलसिले में टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी आज यानि शुक्रवार को ईडी के सामने पेश हुए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक सुबह करीब 11 बजे कोलकाता के पास साल्ट लेक में सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एजेंसी के कार्यालय पहुंचे. इस दौरान तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर प्रवर्तन निदेशालय समेत केंद्रीय जांच एजेंसियों एवं भाजपा के विरोध में PuppetsOfBJP अभियान चलाया. पूछताझ के दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं ने जांच एजेंसियों पर जमकर निशाना साधा.
अभियान की शुरुआत खुद अभिषेक बनर्जी के एक ट्वीट से हुई, जब उन्होंने अपने कालीघाट स्थित आवास से ट्वीट किया: “यह बहुत शर्म की बात है कि केंद्रीय एजेंसियां #PuppetsOfBJP में सिमट गई हैं.”
उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर आगे कहा, “जब भी बीजेपी को खतरा महसूस होता है, तो वे इन ‘तोतों’ को उन लोगों पर छोड़ देते हैं जिन्होंने अपनी रीढ़ या ईमानदारी नहीं बेची है!”उसके बाद, 30 मिनट के भीतर, टीएमसी की ओर से तीन ट्वीट आए, जिसमें सभी वरिष्ठ मंत्री और नेता इस मामले पर पोस्ट कर रहे थे.
टीएमसी विधायक नयना बंदोपाध्याय ने कहा, “विपक्ष को परेशान करने के लिए डीआईआर,ईडी और सीबीआई पर भरोसा करने से आपकी अक्षमता नहीं छुपती, @BJP4India। हम बुरी ताकतों से लड़ते रहेंगे, और #PuppetsOfBJP हमें डराए नहीं! ईडी और सीबीआई – दो नए #PuppetsOfBJP!”
टीएमसी नेता मोलॉय घटक, जो ईडी के निशाने पर हैं, ने एक ट्वीट में कहा, “चुनाव या लोगों का दिल जीतने में असमर्थ, पीएम नरेंद्र मोदी देश को शर्मिंदा करते हैं, विपक्षी नेताओं को परेशान करते हैं और अनावश्यक अराजकता पैदा करते हैं. यह बेहद शर्मनाक है. ईडी और सीबीआई के पक्षपातपूर्ण रवैये की कड़ी निंदा करते हैं.”
पार्टी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया. “अगर यह राजनीतिक प्रतिशोध है, तो उन्हें अदालत जाने का पूरा अधिकार है. बीजेपी का इससे कोई लेना-देना नहीं है.”
सोमवार को टीएमसी स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाषण देते हुए, अभिषेक बनर्जी ने राज्य में कोयला और पशु तस्करी घोटालों को “गृह मंत्रालय का घोटाला” कहा और सीधे गृह मंत्री अमित शाह को इसके लाभार्थी के रूप में आरोपित किया.
अभिषेक और सीएम ममता बनर्जी दोनों ने उस दिन आशंका व्यक्त की थी कि शाह के खिलाफ सार्वजनिक आरोप लगाने के लिए एजेंसियों द्वारा नए समन जारी किए जा सकते हैं. सार्वजनिक बयान देने के 24 घंटे के भीतर ईडी का समन अभिषेक के पास पहुंचा, जिसमें उसे शुक्रवार को पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा गया था.
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